एक रानी की कहानी

रानी इक बार एक राजा था और एक रानी। राजा की उम्र अधेड़ उसकी रानी प्यारी सुंदर हसमुख दोनों चाहते इक दुसरे को बहुत पर राजा जब अपने राज्य के कार्य मउलझा रहता तो रानी का मन न लगता . वो कभी सखियों के साथ खेलती ठिठोली करती पर अंदर से राजा को याद करती रहती . राजा भी मजबूर अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करता .पर खुश नहीं रख पता उसे ... दिन महीने साल बीत गये ...राजा की उम्र रानी से कई साल बड़ी भी थी .रानी को पर इससे फर्क नै पड़ता था वो तो बस उनके साथ समय चाहती थी जो राजा नहीं दे सकता था सावन का मौसम था चारो तरफ हरियाली थी पेड़ पौधे झूम रहे थे पंछी कोलाहल करते थे रानी की सखिया खिलखिला रही थी रानी इक मोर को सहलाती हुई खिड़की के पास बैठी थी वो दूर के नज़ारे देख रही थी. दूर कही उसे इक छवि दिखाई दी इक पुरुष की ... वह्पुरुष दूर वन में टहेल रहा था अपने मित्रो के साथ... रानी मुड़ कर सखी को बुलाती हैं "शमा !!! ये कौन हैं ??हमारी सीमा में कैसे आ रहे हैं ?इनको पता नहीं ये हमारा राज्य है!!" शमा- "आप चिंतित न हो रानीजी में अभी ...